Sunday, September 21, 2008
एक अनूठा संसार
मैंने हँस कर हैलो की नहीं कि सारी गाथा सुना दी जाती है। लिज़ी के पिताजी काम के सिलसिले में बाहर बहुत रहते हैं, आज वापस आ रहे हैं, लिज़ी अपनी मम्मी और डैड के साथ पार्क जायेगी। अमर के घर में एक छोटा भाई आने वाला है, इसी कारण वो दो महीने के लिये नही आ पायेगा। अमित की दादी इंडिया से आने वाली हैं, वो उन्हे एयेर्पोर्ट लेने जाएगा। मुझे कुछ आता जाता है या नही, इसका बच्चों को भी पता होना चाहिये। एक दिन मुझसे ये प्रश्न पूछा गया कि कैथी की आँखें नीली क्यूँ है ? सरल सा जवाब होगा, माँ बाप की जींस की वजह से, पर मैं गलत थी। कैथी की आँखें नीली इसलिये थी क्योंकि वो ब्लूबैरी बहुत खाती है। राधिका जो वहीं पर बैठी थी वो भी अब ये बताने के लिये उत्सुक थी कि उसकी आँखें काली क्यों हैं। बहुत मासूमियत से बताया गया कि उसको ब्लैकबैरीज़ बहुत अच्छी लगती हैं इसीलिये उसकी आँखें काली हैं।
एलैक्स को गुस्सा ज़रा ज्यादा आता है और मुझे डाँटना भी उसकी अधिकार की सीमा के अंतर्गत ही आता है। मैंने अपना पढ़ाने का दिन बदल लिया था तो एलैक्स को बहुत दिनों से देखा नहीं था। बीच में एक दिन जाना पड़ा तो ऐलैक्स से सामना हुआ, देखते ही झुंझला कर बोले," Where were you for so many days?" जब बताया तो झुंझलाहट में ही बोले," I missed you." इसके आगे आप क्या कह सकते हैं। गर्मी में घास के साथ बहुत सारे डैंडलाईन उग आते हैं, एक किस्म की वीड (मोथा) जिसमें पीले फूल निकलते हैं। केटी इन पीले फूलों के साथ दो तीन जंगली पत्तियाँ ला कर हाथ में देती है और कहती है ये सब मेरे लिये है। वो फूल उसके जाने से पहले मुरझा जाते हैं पर मैं सब बटॊर कर घर ले आती हूँ। जब स्कूल में थी तो हमारी बायोलोजी की टीचर मेरी पसंदीदा टीचर हुआ करती थीं पर मैं कभी भी हिम्मत नहीं जुटा पाई फूल पत्ती देने की। आज जब ये सब बच्चे करते हैं तो बहुत अच्छा लगता है।
Tuesday, September 16, 2008
क्या तुम मुझ से शादी करोगी ?
बात हो रही है , यहां पर बढते हुए प्रचलन की । मुद्दा यह है कि जब कोई पुरुष अपनी महिला मित्र से शादी के लिये प्रस्ताव रखता है तो वह एक अहं क्षण माना जाता है और यादगार में शामिल हो जाता है । अब इस यादगार दिन को अपनी स्थायी यादों में कैसे जोड़ा जाये ? क्यों न उस यादगार क्षण की एक ’फ़ोटो’ या ’विडियो’ ले लिया जाये ?
कल्पना कीजिये ’बौब’ अपनी होने वाली मंगेतर ’ऐमिली’ को शादी के लिये प्रस्ताव रखने वाला है , उस के द्वारा की गई तैयारी देखिये :
मैक्सिकन रेस्टोरेन्ट (जहां वह दो बरस पहले मिले थे) में रिसर्वेशन
- हो गया .....
सगाई की सुन्दर सी अंगूठी उस के बक्से से निकाल कर पतलून की जेब में सावधानी से छुपाना ।
- हो गया
और अब यह देखिये ....
एक फ़ोटोग्राफ़र जहां आठवी गली और ’ऐस्टर प्लेस’ मिलते हैं , छुप के खड़ा हुआ है । उसे हिदायत है कि जैसे ही ’बौब’ ऐमिली के सामने घुटनों पर झुक कर शादी का प्रस्ताव रखे , वह उस क्षण को अपने कैमरे में उतार ले ।
है ना मज़ेदार बात ।
’बौब’ का कहना है कि वह इस क्षण को ’कैमरे’ में इसलिये कैद करना चाहता है जिस से कि वह अपने मित्रों के साथ इसे बाँट सके । वह अपनी मंगनी के प्रस्ताव के बारे में सिर्फ़ बात ही नहीं करना चाहता बल्कि वह प्रस्ताव कैसे और कहां किया गया , उसे दिखाना भी चाहता है , अपने दोस्तों को और अपनी आगे आने वाली पीढ़ियों को।
अब यह अपने दिल में उठने वाली कोमल भावनाओं का उबाल समझ लीजिये कि सीधे साधे लोग ’शादी के प्रस्ताव जैसे पवित्र और निजी क्षण को सार्वज़निक बनाना चाह्ते हैं और इसी चक्कर में बेचारे ’फ़ोटोग्राफ़र’ को कभी झाड़ियों के बीच , कभी रैस्टारेन्ट के अंधेरे कोने में , कभी भीड़ में छुपना होता है । उस का काम यही है कि वह होनें वाली मंगेतर के चेहरे पर होने वाली पहली प्रतिक्रिया को ’कैमरे’में सही समय पर कैद कर सके ।
फ़ैशन चला है जिन्दगी के सभी मह्त्वपूर्ण क्षणों को एक ऐतिहासिक दस्तावेज़ की तरह संजो कर रखने का । myspace और facebook में आप को लोगो के द्वारा स्वयं लगाये गये कई बेहद निजी चित्र और ’विडियो’ मिल जायेंगे ।
शादी के समय भी चित्र लेने मे एक नया प्रचलन चला है । वर और वधु के कुछ ऐसे अनौपचारिक चित्र जो उन की जानकारी के बिना लिये गये हों । खाने के समय हर ’मेज’ पर एक disposable camera छोड़ दिया जाता है जिस से कि मेहमान स्वयं अपनी ’मेज’ पर बैठे अन्य मेहमानो के ’स्वाभाविक चित्र’ ले सकें । ऐसे चित्रों का अपना अलग महत्व है । फ़िर उन्हें ’औपचारिक चित्रों’ के साथ मिला कर एक ऐल्बम तैय्यार किया जाता है । इस सब को कुल मिला कर Photojournalistic Realism का भारी भरकम नाम दिया जा रहा है ।
’बौब’ जिस नें अपने इस खूबसूरत क्षण को कैद करने के लिये ’पेशेवर फ़ोटोग्राफ़र’ पर करीब $400 खर्च किये , का कहना है :
"आप जिस महिला से प्यार करते हैं , उस के चित्र पूरी ज़िन्दगी ले सकते हैं लेकिन शादी के प्रस्ताव के समय उस के चेहरे पर आने वाली मुस्कान को दोबारा कैद नहीं कर सकते"
(न्यूयौर्क टाइम्स में प्रकाशित एक रिपोर्ट पर आधारित)