Friday, January 1, 2010

साल नया ,,,,,,,,,,,

नया साल,कुछ कुछ बर्फ़ से ढ़का हुआ, कुछ कुछ कुलमुलाता, आज सुबह की चाय से उठाया गया है। देखा जाए तो वही दिन लगता है जो कल था, उससे पहले वाला दिन था, उससे पहले और उससे पहले,ऐसे ही इत्यादि, इत्यादि। कुछ खास है क्या ? हाँ तारीख !!! नए साल का पहला दिन, नए कैलेम्डर का पहला पन्ना जिस पर लाल मार्कर से लिखा गया है, हैप्पी न्यू यिअर। सोचा क्यों न उसे ही सार्थक कर दिया जाए। तो फ़िर कुछ हमारे परिवार और कुछ दोस्तों के विचार आज के दिन के लिए।

अनुभव (हमारा बेटा) -उसका कहना है कि जो भी गलत काम किये हैं उन को अपनी तख्ती से मिटाने के लिए एक दिन निर्धारित होना चाहिए तो नए साल का नया दिन बहुत शुभ है। नए साल का पहला दिन-क्लीन स्लेट
अभीष-Refresh Point
मेरा ख्याल-जैसे कुछ चंद दिन जो अब तक सहेज कर रखे हैं, वैसे ही नए साल का नया दिन हो। कुछ पंक्तियाँ जो मुझ को सरोबार कर दें और वो अहसास मेरे साथ उम्र भर रहे। नए साल का पहला दिन-एक खूबसूरत ख्याल।
नेहा-"A good marker in time to start something new." नए साल का पहला दिन-अच्छा चिन्ह।
कनुप्रिया (हमारी बिटिया) मुझे समझ नहीं आ रहा कि नए साल को इतना क्यों महत्व देते हैं, एक नया कैलेंडर ही तो है। नए साल का पहला दिन-सारे दिन महत्वपूर्ण
अनूप का कहना है कि समय की लम्बी अनन्त यात्रा में हर नया साल एक मील का पत्थर है । इस को स्वीकार करना और उत्सव की तरह मनाना ज़रूरी है वरना सफ़र बहुत ’नीरस’ हो जायेगा । हल्के फ़ुल्के रूप में देखा जाये तो ’नया साल’ हमें एक और मौका देता है उन सब संकल्पों को फ़िर से दोहराने का जो हम नें पिछले साल भी किये थे । ज़िन्दगी अक्सर हमें एक से अधिक मौके देती है। पिछले साल की गलतियां और Calories पिछले साल के साथ ख़त्म।

नानी और दादी के लिए कभी समय ऐसे रुका नही था। उम्र तारीख से नहीं पर एकादशी, पूर्णिमा, अमावस, पंचमी से जुड़ी थी। कभी उम्र पूछो तो साल याद नहीं रहते थे पर यह याद रहता था कि कृष्ण पक्ष था या शुक्ल पक्ष था, दिवाली से दो दिन पहले था या फिर होली के आस-पास था, बस ये नहीं याद कि वो कितने साल की हो गई हैं, बाल सफ़ेद हो गए तो बुढ़ापा आ गया है, जोड़ों में दर्द हो रहा है तो वह भी उम्र ढलने की निशानी है। उसे सहजता से स्वीकार कर लिया जाता था। आजकल नया साल, साल के हर दिन को मुकाम देना चाहता है। समय बदल रहा है और हमेशा बदलता रहेगा पर हमारे कुत्ते ( Winston) को इसका आभास है या भी नही, ये ही सोच रही थी कि लगा नहीं, उसे सिर्फ़ अपने खाने से मतलब है और कौन उसके साथ खेलने के लिये तैयार है या नहीं , उन्हें बाहर घुमाने के लिये ले जाया गया या नहीं । उसकी उम्र बिना किसी मार्कर के ही चलती है, एक गूफ़ बाल कि तरह, गोल-गोल, और फ़री जो यूँ ही घूमती रहती है बहुत सीधी सादी सी ज़िन्दगी जिसमें कुछ हमारे लिए चाहतें और कुछ अपने लिए और खाने के लिए उन की मन पसन्द Special Treat.

आपके लिए नया साल क्या है? आप चाहें तो आप भी फ़ेहरिस्त में अपना नाम जोड़ सकते हैं।

आप सब को मेरे और अनूप की ओर से नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ।

3 comments:

संगीता पुरी said...

आपके और आपके परिवार वालों के लिए भी नववर्ष मंगलमय हो !!

Udan Tashtari said...

जोड़ते हैं फिर से आकर अपना नाम!!


तब तक:

वर्ष २०१० मे हर माह एक नया हिंदी चिट्ठा किसी नए व्यक्ति से भी शुरू करवाने का संकल्प लें और हिंदी चिट्ठों की संख्या बढ़ाने और विविधता प्रदान करने में योगदान करें।

- यही हिंदी चिट्ठाजगत और हिन्दी की सच्ची सेवा है।-

नववर्ष की बहुत बधाई एवं अनेक शुभकामनाएँ!

समीर लाल :)

Pratyaksha said...

ये दिन .. सारे आत्मीय जनों को फिर याद कराने के लिये कि हम सब हैं ..आसपास